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वैलेंटाइन डे संग्राम ….

Kuran ko Jalaa Do ... BuT क्यूँ ?
Kuran ko Jalaa Do ... BuT क्यूँ ?
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आप सभी आदरणीय को मेरा प्रणाम !

गुस्ताखी माफ़ !

अगर इस अल्प ज्ञानी से कोई खता हुई हो तो कृपया नजरंदाज कर दीजियेगा !!!|

मैं आप लोगों को सीधा लाइव टेलीकास्ट दिखाऊंगा |

जैसा की आप सभी जानते हैं , वैलेंटाइन डे कांटेस्ट चल रहा है | हजारों लाखो योद्धा मैदान में उतर चुके हैं | एक-से-एक सूर+वीर ( अँधा योद्धा जिसको गलत फहमी हो जितने की ) इस लड़ाई में हिस्सा लियें है | एक से एक सकल रणधीरा…| ऐसे में मैं अमित देहाती ………..अब बताइये जरा …मैं अमित = अ+मित , मतलब बिना मित्र का , तो हूँ ही ऊपर से देहाती भी …तो क्या लिख सकता हूँ इस प्यार के एहसास को |

जैसा की आप सभी जानते हैं , यहाँ प्यार का माहौल चल रहा है | मेरा मतलब है ये वेलेंटाइन डे कांटेस्ट मेरे “शेरों का शेर” की ही तरह competition चल रहा है| फर्क ये है की मेरा काल्पनिक था और ये वास्तविक | मेरे competition के सभी घटनाएं काल्पनिक थी सिवाय पात्र के और इस कहानी के सभी महारथी (पात्र) और घटनाएं वास्तविक है |

आइये अब आपलोगों को सीधा ले चलते है कुरुक्षेत्र (जागरण जंक्सन ) के मैदान में जहाँ एक से एक योद्धा अपने-अपने प्यार रूपी मन्त्र से वाणों (लेखों) की बौछार कर रहें हैं | इस महाभारत रूपी ( वैलेंटाइन डे रूपी ) संग्राम (कांटेस्ट) को जितने के लिए आधुनिक हथियारों का भी इस्तेमाल कर रहें है | प्यार यार के मामले में मैं थोडा अनाड़ी हूँ और ऊपर से देहाती भी |

देखते है क्या होता है ?

मैं अमित देहाती (संजय उवाच ) अपने दिव्य दृष्टी से देखकर केवल ध्रितराष्ट्र को ही नहीं बल्कि सबकों आखों देखा हाल सुनाने जा रहां हूँ ……..

आपलोग हैं कुरुक्षेत्र (जागरण जंक्सन ) में और यहाँ का ताज़ा समाचार है की धीरे धीरे सभी महारथी (ब्लोगर ) पहले राउंड में अपने-अपने बिनाशकारी (बिन+आश+अकारी) हथियार (कलम) से प्रहार पे प्रहार कर रहें है | जिससे कोई लाभ नहीं होने वाला |

कुछ योद्धा मैदान में बड़े-बड़े चट्टानों जैसे हथियार ( भावात्मक लेख ) फेंक रहे है जिसमे चलते+फिरते सैनिक उन चट्टानों के निचे दब गए | कुछ योद्धा एक दुसरे को मात देने में लगे हुए है , कुछ लोग गिर-गिर के सम्हल रहें है और फिर से जोरदार प्रहार करने को आतुर है | कुछ लोग पहले राउंड से ही दहाड़ रहें हैं लग रहा है की ताज उनके सिर जायेगा | कुछ लोग अपने ब्रम्हास्त्र का प्रयोग करने के चक्कर में हैं , कुछ लोग मैदान से भाग गए तो कुछ लोग पहले से फरार हैं जैसा की मैं ( अमित देहाती) और भी लोग महान योद्धा है जो बादर की तरह खूब गर्जतें हैं लेकिन नाम नहीं बताऊंगा वरना वो सोचेगें की सबको धाराशाई कर देने वाला मेरे हथियार (खुबसूरत प्यार के एहसाश को लिखने वाली कलम ) को ललकार रहा है ये देहाती गवांर | और अपनी क्षमता दिखलाने के लिए अगले ही दिन मैदान (JJ ) में उतर जायेगें | फिर मैं कही का नहीं रहूँगा |

वैसे धीरे-धीरे सारे योद्धा निकल कर सामने आयेंगे | अभी वो ये देख रहे है की किसके पास कितना बिनाशकारी (बिन+आश+अकारी) मन्त्र (लेख) और हथियार (कलम का दम) है .| खैर जो भी परिणाम बहुत अच्छा आएगा |

क्या गजब का माहौल है | हर योद्धा के पास गजब – गजब का हथियार (कलम ) है और गजब-गजब का मन्त्र (ब्लॉग) | काबिले तारीफ |

कोई अर्जुन की तरह अच्छी शिक्षा दीक्षा लिया है तो कोई एकलव्य भी है |
कोई खुद के अपने निजी मन्त्र (कहानी ) से मैदान मारना चाहता है तो कोई दूसरों के बल पे |

वैसे एक बात तो पक्की है …कई महान हस्तियाँ अपने  कमान  (मन) से कुछ बेहद सबको दहला देने वाली ( अपनी आपबीती ) मन्त्र का भी प्रयोग करेंगे …..|
यहाँ बहुत कुछ मिलेगा राज-ए-दिल पढने को …….
बस देखते जाइए आगे होता है क्या………? हे हे हे

धीरे धीरे सभी निकाल रहें है आपने अपने ब्रम्हास्त्र ….

खैर जो भी हो बहुत ही सुन्दर-सुन्दर ब्लॉग पढने को मिल रहें |

इसमें बहुत से योद्धा ऐसे हैं जो अंत में उतरेगें और शेहरा छीन ले जायेंगे |

लेकिन सभी के सभी अपने आप में एक महान योद्धा (लेखक) हैं |

इस वास्तविक और आधुनिक महाभारत में मर्द भी है और औरत भी | द्वापर के महाभारत में औरत की वजह से युद्ध हुआ था लेकिन ये वैलेंटाइन डे रूपी महाभारत का पहलु दोनों हैं अर्थात औरत और मर्द | यहाँ नारी अपने सम्मान की रक्षा के लिए किसी से गुहार नहीं लगा रही बल्कि खुद हथियार लेके मैदान में दहाड़ रही है , और बड़े-बड़े मर्द योद्धा को मात दे रही है | युद्ध बहुत ही रोचक है | कई लोग तो घुटने टेक दिए जैसे की मैं |

मैं इस महा युद्ध में लड़ने के काबिल नहीं हूँ | नाहक जान की बलि नहीं देनी |
मेरी कही शिक्षा दीक्षा हुआ ही नहीं | न ही मै अर्जुन हूँ और न ही एकलव्य , फिर क्यूँ कुदु इस संग्राम में | मैं बिन आश अकारि रूपी हथियार (कलम ) नहीं उठा सकता | जबकि मै जनता हूँ की मैं मारा जाऊँगा |

वाड़ी से अमित देहाती, देहाती न्यूज, कुरुक्षेत्र ( जागरण जंक्सन )|

हाँ तो आप लोगों को आखो देखा हाल सुना रहे थे अमित देहाती | अब अपने अल्प-ज्ञान से कुछ उंदर से उठ रहे उबाल को ठंढा करना चाहते है | भई सभी जब उतरे है तो ये क्यूँ पीछे रहें ………..|
खैर ज्यादा तो नहीं कह सकता प्यार के बारे में, क्यूंकि 14 दिन बहुत कम है प्यार के बारे में कहने के लिए |

बस एक ही वाक्य में कहना चाहूँगा ——LOVE is God !!!!!!

इकरार में शब्दों से आगाज़ नहीं होती ,
दिल के  जज्बात की  आवाज़ नहीं होती |
आँखे बयां कर देती है दिल की दास्ताँ,
मोहब्बत लफ्जों की मोहताज़ नहीं होती ||

इस सराहनीय कदम के लिए मै जागरण जंक्सन को दिल से धन्यवाद देना चाहता हूँ |

वैसे आप सभी ब्लोगर को वैलेंटाइन डे की हार्दिक शुभकामना | और संग्राम जितने वाला ( वैलेंटाइन डे कांटेस्ट जितने वाला) को हार्दिक शुभकामना और बधाई देता हूँ |

इसमें कही भी आपत्ति जनक शब्द मिले तो कृपया इस देहाती अल्प ज्ञानी को सुझाये |
मैं आप लोगों का सदा आभारी रहूँगा |

 आप लोगों का शुभचिंतक
 अमित देहाती 

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