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आप सभी आदरणीय को अमित देहाती का कोटि-कोटि प्रणाम !
गुस्ताखी माफ़!!!!!!!!
मैं बहुत खुश हूँ आप लोगों के स्नेह से | इतना प्यार मुझे कही मिला नहीं था इसलिए मुझे बहुत प्रसन्त्ता हैं | मैं सदा आप सभी पाठक गणों का आभारी रहूँगा |
मैं सिर्फ इतना कहना चाह रहा हूँ कि हर ब्लोगर को एक दुसरे का सम्मान करना चाहिए और इस JJ के मंच की मर्यादाओं का भी ध्यान रखना चाहिए |
मुझे आप लोगों का आशीर्वाद , प्यार और स्नेह चाहिएजो दिल के अन्दर विराजित रहें | किसी को इन बातों से ठेस पहुची हों तो मैं क्षमा प्रार्थी हूँ , इस देहाती को देहाती ही जानकर माफ़ करें |
कहते हैं प्यार वह ताकत हैं जो किसी कैंसर से पीड़ित रोगी को मिल जाए तो उसकी उम्र बढ़ जाती हैं और उसके रोग का इलाज भी संभव हो जाता है ……प्यार में उतना दम है की किसी की जान आसानी से बचा दे और ले भी ले ….|
प्यार पूजा है प्यार कर्म है प्यार भगवान है ……///////
शायद मैंने यही अनुभव किया है …..मुझे यही लगा है …….
आपका क्या ख्याल है ….????
कृपया दो शब्द जरुर कहें !!!!!!!
फिलहाल निम्नलिखित शेरों पर ध्यान दें .... आप सबका शुभचिंतक
अमित देहाती
आज फिर कुछ पंक्तिया आप लोगों के स्नेहाशीष के लिए प्रस्तुत हैं |इस अल्प-ज्ञानी को कृपया कुछ सन्देश दे…….शायद अमल करूँगा तो मै भी शहरी हो जाऊ ?
याद आ जाये गर कभी, तो मुस्करा लेना ,
भला मासूम आसुंओं को, सजा क्या देना |
मुझको मालुम हैं, यूँ ही न भुला पाओगे ,
याद-करके-बीते-लम्हों को, सदा क्या देना |
कभी हँसता कभी रोता हूँ, याद करके तुझे,
कभी तुझको भी ऐसा हो, तो ये जता देना |
तुम मुझसे नहीं मिल पाओगे, मुझको है खबर,
मगर मुझको बुलाना, चाहों तो बता देना |
वक्त एक वो भी था , नज़रों से दूर हम न थे ,
आज तनहा ही कट रहें है दिन, तो क्या कहना |
कभी निकले जो अश्क, करने को दीदार मेरी .
लौट आयेंगे कभी, कहके ये बहला देना |
मेरे अरमां जो कब्र पे, पड़े है साथ मेरे ,
अपने आग़ोश में, आसीर उसे बना देना |
यहाँ हर रोज़ याद में जले हैं दीप अमित ,(बहुत )
एक शमा तू भी, मेरी याद में जला देना |
अमित देहाती
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