सबसे पहले मुम्बई हमले के शिकार लोगों के लिए भगवान से दुआ मांगता हूँ की उनके परिवार को शक्ति प्रदान करें !!!!
मेरे साथ आप सब भी दुआ करें ……. यहाँ देश परेशान है बाहरी आतंकियों से और ठाकरे परिवार को ….यु .पी. और बिहार की पड़ी है …छिः छिः छिः….
मैं आप लोगों से काफी दिन तक दूर रहा , मैंने बहुत मिस किया आप सबको….. आज फिर अपने अल्प विचारों के साथ प्रस्तुत हूँ. अगर किसी को मेरे विचारों से आपत्ति हो तो निःसंदेह मुझसे क
सकते है ताकि मै उसे सूधारने का प्रयास करूँ.
और उम्मीद है तजा माहौल को देखते हुए आप सब सार्थक टिप्पड़ी करेंगे …. कोई गलती हुई होगी तो माफ़ी चाहूँगा …और उसे जानने की भी उम्मीद करूँगा…
हुआ यूँ की मैं अपने महबूब की गली में जैसे पहले जाया करता था वैसे ही कल भी गया . लेकिन मेरा वहां कुछ अलग
तरीके से स्वागत किया गया . आप सबको बताना चाहूँगा की, जब मै पहली बार अपनी डार्लिंग की गलियों से गुजरा था तो एक अजनबी भौकना शुरू
कर दिया और मुझे हड़काने लगा . लेकिन जब मै अपना परिचय कराया तो वो समझ गया काफी समझदार था. उसके
बाद से तो वो जीजा जी के लिए पहले से भेली (गुण) और पानी लेके बैठ जाया करता था और मुझे भी ख़ुशी होती थी की
भगवान सबको ऐसे ही साले दें. कल का भी माजरा पहली बार की ही तरह था. जैसे मेरे कदम उस गली में पड़े लेटेस्ट वर्जन के साले साहब ओल्ड वर्जन
के साले साहब से दमदार परफार्मेन्स किया . देख के मैं दंग रह गया की ये क्या हो रहा है मेरे साथ ? अगर मेरा यहाँ आना
अच्छा नहीं लग रहा है तो पहले ही मना कर दिया होता , फिर भेली( गुण ) और पानी पिलाने की क्या जरुरत थी. स्थिति
बेहत खतरनाक थी . मुझे कुछ समझ में नहीं आया की ये हो क्या रहा है? फिर मेरी डार्लिंग के दादा जी ने कहा की बेटा कोई
बात नहीं आ जाओ , तुम्हे डरने की जरुरत नहीं है . मैंने कहा दादा जी आज लग रहा है किसी मनहूस का मुह मैंने देख लिया है ..
फिर दादा जी बोले अरे नहीं बेवकूफ ये तो न्यू वर्जन का देन है . मैंने दादा जी से पूछा की दादा जी मैं समझा नही कृपया विस्तार
से बताइये …. फिर दादा जी बोले अरे मुरख ये तुम्हारे डार्लिंग का भाई है अभी अभी मार्केट में आया है , अभी इसको मार्केटिंग नहीं पता …
इसको लग रहा है की दादा जी पुरे गली पे कब्ज़ा कर रखा है और उसपे मेरा अधिकार . तब तक मैं बात को डीप्ली घुस के समझ
गया था. मैंने दादा जी से पूछा की आपने इसे समझाया नहीं था. तो उन्होंने कहा बेटा कोई बात नहीं किसी दिन पटकालू सिंह
के डंडों से सामना होगा तो इसे खुद-ब-खुद समझ में आ जायेगा . मैंने दादा जी सी पूछा दादा जी आपको कैसे पता की पटकालू सिंह के डंडो से ये समझ जायेगा तो उन्होंने नर्म आवाज में बोले
छोड़ बेटा इस बात को ….मै तुरंत बात को समझ गया , मैंने दादा जी से पूछा …..दादा जी कही आप भी तो नहीं पटकालू सिंह
……तबतक दादा जी का सर शर्म से निचे झुक गया था ….
मैंने बात बदलते हुए कहा ….दादा जी ये पटकालू सिंह आजकल कहाँ रहते है …..दादा जी ने बताया की वो देश भ्रमण पे है …..इसी तरह के कुत्तो को समझाने निकले हुए है…..मैंने कहा दादा जी जल्दी से उन्हें बुलाओ वरना ये कुछ कर तो नहीं पायेगा …लेकिन भौक के दिमाग की ऐसी तैसी कर देगा फिर मुझे ही कानून हाथ में लेना होगा…..
दादा जी कहे नहीं बेटा तू चिंता मत कर आज ही मै उससे परिचय करा देता हूँ ….मै बहुत खुश हुआ की दादा जी मेरा इतना
ख्याल कर रहे है …और पोता है की साला….
दादा जी परिचय कराने ले गए तो वो फिर वही अपने अंदाज में भौंकना शुरू किया दादा जी बोले शांत हो जा …..वो दादा जी
के ऊपर भी भौंकना शुरू किया …….तबतक मेरी डार्लिंग हल्ला सुनकर दरवाजे से बाहर निकली ….उसने पूछा क्या हुआ…?.. दादा जी ने कहा ये देख तेरे छोटा भाई अपने जीजा जी को भी नहीं पहचान रहा. डार्लिंग भी उसे समझाने की कोशिश की लेकिन
‘कहते है न लात का भुत बात से नहीं मानता’ डार्लिंग की भी एक न सुनी …..हम दोनों हैरान हो गए की अब क्या करे …इसके
बाद हम कैसे मिलेंगे ….
दादा जी तुरंत बात को समझ गए, कहे बेटा तुम लोगो को चिंता करने की कोई जरुरत नहीं …..हमने कहा दादा जी मामला
गंभीर है .दादा जी बोले : कोई बात नहीं जैसे ही पटकालू सिंह आयेंगे वैसे ही हम माजरा बता देंगे क्यूंकि ये
हमारे बस का नहीं …हमने पूछा दादा जी आखिर कब आयेगें ….दादा जी ने कहा देखो बेटा जब आ जाएँ ……… फिर हमने खुद ही पटकालू सिंह को ढूंढने का फैसला लिया …..
अब मैं और मेरी डार्लिंग बहुत परेशान है और पटकालू सिंह को ढूंढ़ रहें हैं ……कृपया जिन सज्जन बंधुओं को पटकालू सिंह के बारे में कोई भी जानकारी मिले तो हमें सूचित करें……क्यूंकि उस साले को समझाना बहुत जरुरी है की वो गली उसके बाप की नहीं है उस गली पे सबका अधिकार है जिसको उस गली की जरुरत है….
कृपया आप सबसे अनुरोध है की पटकालू सिंह की सूचना तुरंत दे….
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